सत्यम् लाइव, 14 अक्टूबर 2020, दिल्ली।। आज बदलते जमाने में सोच बदलने का प्रस्ताव बार बार दिया जाता है परन्तु भारतीय जनमानस अपनी सोच बदल नहीं सकता हैंं क्योंकि व्यक्ति चाहे जितने प्रयास कर ले, उसके अन्दर आने वाला बदलाव सदैव उसके प्रत्याहार से ही आता है और भारत का प्रत्याहार चाहे जितने प्रयासों केे साथ पश्चिमी सभ्यता की तरफ मोड दिया जाये वो एक दिन पलट कर भारतीय परिवेश को अवश्य स्वीकार करा ही देता है क्योंकि सूर्य की पूरे दुनिया का मालिक है और सूर्य अपनी गति से भारत देश पर सदैव ही दयाल रहा है और रहेगा यदि आप इसके विरोध में काम करोगे तो सूर्य देव स्वयं आपके पैरों को उखाड देगें। ऑनलाइन होने के बाद सब जगह सोच बदलना सम्भव नहीं है और इतना गहरा जाकर भारतीय सोचता भी नहीं है वो अध्यात्मवादी विज्ञान में ही सदैव जीता रहा है और सदैव जीयेगा। आज के मूल विषय पर देखें तो ऑनलाइन के प्रवेश द्वारा से ही विज्ञापन बना समाचार आपको दिखाया जाता है कभी सीरियल के माध्यम से तो कभी विज्ञापन के माध्यम से या फिर कभी कभी तो सीधा आपके स्क्रीन पर समाचार ही विज्ञापन होता है जो आपको पता ही नहीं चलता है। जी हॉ, एक तरफ मोदी साहब ने सोना सस्ता खरीदने का ऑफर दिया है जो सभी स्क्रीन सहित, समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जा रहा है तो दूसरी तरफ कई जातियों केे समूह जिसे सम्प्रदाय कहा जाता है उसे धर्म के नाम पर बहकाकर मुद्दा बना दिया जाता है और फिर प्रारम्भ होता है अपना विज्ञापन वास्तविक विज्ञापन जो हर पकड तक पहुॅच जाता है जब चेतन भगत जी ने तनिष्क के प्रचार को लेकर जो विरोध में शब्द कहे हैं उन्हें ध्यान से पढें। ‘डियर ‘तनिष्क’, आप पर हमला करने वाले ज्यादातर लोग आपको किसी भी तरह अफोर्ड नहीं कर सकते हैं और उनकी यह सोच अर्थव्यवस्था को ऐसी जगह पर पहुंचा देगी कि जल्द ही उनके पास नौकरियां नहीं होगी और इस तरह वे भविष्य में भी ‘तनिष्क’ से कुछ भी खरीदने के काबिल नहीं रहेंगे। उनके बारे में फिक्र मत करो।’
बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या दत्ता ने तनिष्क के एकत्व ज्वैलरी विज्ञापन को हटाने पर निराशा जताई है। दिव्या दत्ता ने इस विज्ञापन को अपनी आवाज दी थी उन्होंने कहा कि ये विज्ञापन उनको काफी पसंद था, यह विज्ञापन भारत की संस्कृति को दर्शाता है। अब दूसरी तरफ सरकार सोने पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के लिए तीन दिन का समय बचा है। सरकार ने 12 अक्टूबर से स्कीम शुरू की थी जो शुक्रवार 16 अक्टूबर को खत्म हो रही है। मोदी सरकार निवेशकों की इस स्कीम के जरिये मार्केट प्राइस से कम दाम में सोने में निवेश करने का मौका देती है। दिल काे आहत करते हुए चेतन भगत ने जो कुछ भी कहा है वो जो भी सोने की दुकान पर नहीं जाना चाहता होगा वो भी एक बार पहुॅच जायेगा जबकि ये सच है कि पैसा किसी के पास नहीं है मन्दी की तरफ लगभग पिछले 30 सालों से लगातार हम सब कदम बढाते ही जा रहे हैं या यूॅ कह देना ठीक होगा कि जब से ग्लोबल की तरफ कदम बढाया है तब से इस समाचार बने विज्ञापन की दुनिया ने गरीब के मुॅह से निबाला छिनकर विकास का कटोरा पकडा दिया है। जो निरन्तर छोटा पडता जा रहा है। ये अब हम सबको समझना होगा कि विकास सदैव भारतीयता की तरफ बढने से ही होगा और आत्मनिर्भर वही कहलाता है जो अपनी संस्कृति और सभ्यता की रक्षा करना जानता है। संस्कृति सदैव ही प्रकृति और पर्यावरण से प्राप्त होती है और प्रकृति सूर्य की गति से। सभ्यता अर्थव्यवस्था का आधार बनती है, ये डाटा से आटा कभी नहीं मिलेगा। बल्कि विदेशी कम्पनी का आटा ही आयेगा। ताजी सब्जियॉ खानी हैं तो कोई लाकर नहीं देगा क्योंकि व्यापारी व्यापार करता है बल्कि स्वयं मेहनत करनी पडेेगी तभी भारत माता अपने ऑचल से अपने लाल का पसीना पूछेगी। … जय हिन्द
सुनील शुक्ल
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