
सत्यम् लाइव, 28 अप्रैल 2020।। दिल्ली हाईकोर्ट ने ने प्राइवेट स्कूलों को ऑन लाइन शिक्षा व्यवस्था पर आज कहा है कि ऑन लाइन शिक्षा देने के लिये जो ढांचा खडा करना पडेगा वो कोई बच्चों का खेल नहींं है ऐसे में स्कूलों के शिक्षकों और ज्यादा मेहनत करनी पडेगी इससे इन्कार नहीं किया जा सकता है इस प्लेटफार्म पर जुडे खर्चे का बन्दोबस्त करना कोई आसान काम नहीं है उस पर ये बात की प्राइवेट स्कूल को फीस लेने की अनुमति नहीं होनी चाहिए ये बेतुकी बात है। चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस हरिशंकर ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह कहा कि इस याचिका पर पुन: विचार करना होगा। अगर लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूल छात्रों से फीस नहीं लेगे तो ऑन लाइन व्यवस्था कैसे करेंगें? एक वकील ने यह याचिका दाखिल की थी। इसमें दिल्ली सरकार के 17 अप्रैल के आदेश को रद्द करने या इस सीमा तक बदलने का अनुरोध किया गया था कि यदि फीस वसूली जाती है तो वह भी स्कूल फिर से खुलने के एक उचित समय बाद ली जाए।कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार के आदेश के साथ ही निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के प्रयास स्वागत योग्य है। कोर्ट ने कहा कि हम उनका समर्थन करते हैं। स्कूलों और शिक्षकों द्वारा शिक्षा प्रदान करने में तथा ऑनलाइन के माध्यम से कक्षायें लगाने में जो मेहनत की गयी है वो अतुलनीय है।
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