वासरस भगाओ, अभियान का हिस्‍सा बनेंं

3 मार्च 2020, सत्‍यम् लाइव दिल्‍ली, किसी भी तरह के वायरस को समाप्‍त करने की व्‍यवस्‍था मेें अब कई निजी संस्‍थाओं ने एक साथ काम करने का फैैैैैसला लिया, भारतीय किसान गौरक्षा दल, न्‍यू सेन्‍ट पॉल स्‍कूल एक साथ आकर जगह जगह सभा का आयोजन करते हैं तथा छोटे छोटे बच्‍चों को किसी भी वायरस से कैसे बचा जाये ये बात समझाने का कार्य प्रारम्‍भ किया है। सत्‍यम् लाइव ने इनके सभी कार्यक्रमों को प्रसारित करने का फैसला लिया है।

इन आयोजनों में आयुर्वेद के माध्‍यम से बच्‍चों की दिनचर्या का परिचय कराया जा रहा है साथ ही महान गणितज्ञ आर्यभट्ट द्वारा लिखित सूर्य सिद्वान्‍त पर लेख के माध्‍यम से या चलचित्र के माध्‍यम से बच्‍चों सहित अभिभावक को भगवान भास्‍कर की मि‍हिमा का व्‍याख्‍यान किया जायेगा। ये कार्यक्रम किसी समुदाय विशेष पर आधारित न हो इसलिये सूर्य से शक्ति पाकर चन्‍द्रमा सहित समस्‍त ग्रह पर महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने जो महिमा सूर्य की बताई है उसके लिये सत्‍यम् लाइव ने अपने कंधे पर भार उठाया है।

भारतीय शास्‍त्रों मेें जैसे वाल्‍मीकि रामायण में बलि प्रथा पर क्‍या लिखा हुुआ है उसका व्‍याखान तथा मुस्लिम समुदाय में बलि प्रथा पर क्‍या लिखा हुआ है इसका पूरा माध्‍यम सबसे पहले प्रकृति की रक्षा के हिसाब से गणित का सहारा ज्‍योतिष शास्‍त्र को बनाया जायेगा। क्‍योंकि ज्‍योतिष शास्‍त्र वेदों के एक अंग है। सूर्य चन्‍द्रमा की गति को समझेे बिना कोई भी सांस्‍कृतिक कार्यक्रम हो नहीं सकता। सूर्य चन्‍द्रमा की गति का परिचय पाकर हर बालक के अन्‍दर से स्‍वयं को मजबूत बना लेता है फिर कोई भी वायरस उसका कुछ नहीं बिगाड पाता है। प्राणायाम योग के माध्‍यम से हर मानव को चाहे वो किसी भी जाति का हो श्‍वाॅॅस तंत्र को इतना मजबूत कर लेता है कि काेेई संक्रमण उसके लिये खतरनाक नहीं हो सकता और कभी भी जानलेवा नहीं हो जाता। क्‍योंकि कोई भी वायरस प्रकृति की रक्षा न होने के कारण ही पनपता है। आज का वैज्ञानिक जब भी विशलेषण करता हैै परन्‍तु आज की प्रकृति विरोधी यवस्‍था अपनी कमियों को न बताते हुए। कभी जानवरों पर तो कभी गरीब व्‍यक्ति को दोषी बना देता है।

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कहते हैं चीन के वूहान शहर से जन्‍मा ये वायरस इस वायरस हम सब अपने शरीर को नियमित दिनचर्या केे दम पर पनपने ही नहीं देते। उस पर हमारे यहाॅॅ सूर्य अपने ताप से किसी भी बडे से बडे वायरस को 27 दिनों में समाप्‍त कर सकता हैै। इसी तरह से आयुर्वेद मेें पिप्‍पली, मारीच तथा शुंठी का पाउडर ५ ग्राम बना लें और तुलसी 3-5 पत्‍तों 1 लीटर पानी मेें डालकर उबाल लें जब पानी आधा रह जाये तब इसे एक बोतल में रख लें। हर एक घंटे में एक एक घूंट पीते रहें। अगस्‍त्‍य हरीत की 5 ग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ ले सकते हैं। प्रतिदिनदेशी गाय का बना पंचगव्‍य डालते रहें। इसके अलावा होम्‍योपैथी में आर्सेनिकम एल्‍बम 30 (Arsenicum Album) आती हैै वो खाली पेट तीन दिन तक सुबह सुबह लेेेेनी है और वायरस समाप्‍त। इस जागरूकता अभियान कार्यक्रम का श्रेय भूतपूर्व वैज्ञानिक तथा भारत के प्रखर प्रवक्‍ता राजीव दीक्षित जी को लेकर ही किया जायेगा।

उपसम्‍पादक सुनील शुक्‍ल

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