केंद्र ने दी स्कूल खुुुुुलने की अनुमति 15 अक्टूूबर
सत्यम् लाइव, 3 सितम्बर 2020, दिल्ली।। भारत सरकार की अनुमति के साथ ही देश के कई राज्यों में अपनी तैयारियॉ प्रारम्भ कर दी है। छात्रों-छात्राओं की उपस्थिति को लेकर लगभग सभी राज्य की सरकारों का कहना है कि अभिभावक के अनुमति के बिना स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जायेगा साथ ही ऑनलाइन पढाई पर प्राथमिकता दी जायेगी। अगर कोई भी अभिभावक बच्चों को ऑनलाइन पढाना चाहते हैं तो स्कूल को उसकी अनुमति देनी होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किए गए हैं इन निर्देशों के अनुसार राज्य सरकारें अपना काम करेगीं। कुछ राज्यों ने फैसला किया है उसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने पहले ही राजधानी में 5 अक्टूबर तक स्कूल बंद हैं। अब केंद्र ने 15 अक्टूबर से सभी स्कूल खोलने की छूट दी है तो दिल्ली सरकार अगले हफ्ते तक इस पर फैसला ले सकती है। इसमें स्कूलों और अभिभावक की राय भी बेहद अहम होगी। उत्तर प्रदेश में जिला स्तर पर प्रशासन से बात करने के बाद सभी फैसले लिये जायेगें। बिहार में फिलहाल हफ्ते में दो दिन ही स्कूल आने की छूट दी गई है 15 अक्टूबर के बाद से इसमें और राहत दी जा सकती है। पड़ोसी मध्य प्रदेश में भी कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खुल चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार ने 31 अक्टूबर तक स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद रखने का फैसला किया है। ऑनलाइन और सोशल डिस्टेंस पर कार्य अभी आवश्यक है। छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकान ने कहा कि अभी स्कूल और कॉलेज नहीं खोले जाएंगे। उत्तराखंड सरकार ने गुरुवार शाम को अनलॉक-5 की एसओपी जारी कर दी। 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने की इजाजत दे दी गई है। अब कुछ प्रश्न करने का अधिकार सभी नागरिक के पास सुरक्षित है क्योंकि उसके जीवन की बात है सभी राज्यों में अभिभावक की राय भी बेहद अहम रखी गयी है इसका अर्थ कहीं ये तो नहीं कि बच्चों को सुरक्षित रख पाने में सरकार तैयार नहीं है अन्यथा वायरस को तो भारत में संक्रमण काल के साथ आयुर्वेद पूरा वर्णन करता है और भारत की धरा ही सौर कोरोना से भरी पडी है फिर सरकार ने क्यों सैनेटाइजर को कलयुगी गंगाजल बना रखा है। 2 अक्टूबर 2020 को पूरे भारत में कोरोना एक षडयंंत्र को लेकर प्रदर्शन हुआ परन्तु आज का मीडिया ने उसे कई पर नहीं दिखाया है। शिक्षा व्यवस्था को लेकर स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने मैकाले को जो शिक्षा व्यवस्था मे परिवर्तन करने को कहा था उसमें सम्पूर्ण ज्योतिष शास्त्र था जिसे आज की शिक्षा व्यवस्था में अन्धविश्वास से जोड दिया गया है अगर उसी ज्योतिष शास्त्र को एक भी अंग मात्र बच्चों को समझा दिया जाये तो संंक्रमण काल का वर्णन बच्चों को समझ में आ जायेगा फिर चाहे जो संक्रमण भारत में आ जाये भारत हर स्त्री अपने रसोई से उसे भगा सकती है और उस वैदिक स्त्री का साथ देगीं तुलसी माता और गौ माता। यही तीन माताऐं है जो हर परिवार को किसी भी वायरस से बचा सकती है उस पर पालनहार भगवान विष्णु सूर्य देव केे रूप में प्रतिदिन सारे वायरस को मारने चले आते हैं तभी तो काल तो समझने मात्र से ही महाकाल रक्षा करने आ जाते हैं।
सुनील शुक्ल
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