सत्यम् लाइव, 30 अगस्त 2020, दिल्ली।। एक पत्रकार राधेश्याम दीक्षित जिनकी खुद की Report नेगिटिव थी फिर भी इन्हें जबरदस्ती कोरोना का मरीज बताया गया और फिर उन्हेें अस्पताल के लिये जबरदस्ती पकडकर ले जा रहे थे तब उनके साथ मारपीट की जाती है जब अस्पताल वालों काेे ये ज्ञात होता है कि ये पत्रकार है तो उन्हें छोड देते हैं परन्तु पत्रकार राधेश्याम दीक्षित वहीं गेट पर बैठ जाते हैं और साथ में वकील साहब भी खडे होकर कहते हैं कि आप डॉक्टर को बुलाओ परन्तु पूरे अस्पताल में एक भी डॉक्टर नहीं होता हैै और न ही कभी उस अस्पताल में डाॅॅॅक्टर आता है। जब चारों तरफ से अस्पताल वाले फंस जाते हैं तब उनके कागज पर राधेश्याम दीक्षित को पागल घोषित कर दिया जाता है। ये बात उन्होंने अपने वीडियाेे पर स्वयं शेयर करते हुए कही कि पागल का डॉक्टर मुझे जब चेक करने आया तब पता चला कि मुझे पागल घोषित कर दिया गया है। कोरोना एक षडयंत्र है ये भारत के कई डॉ. एक साथ मिलकर कह रहे हैं फिर भी सरकार किस मायाजाल में फंसी हैै समझ में नहीं आता है? चैत्र मास में सूर्य की गति के अनुसार भी वायरस प्रवेश भारत में नहीं कर सकता है। भारतीय शास्त्र तक को गलत सिद्ध करने का परिणाम लगातार पूरा देश भुगत रहा है परन्तु ऑख बन्द और इस विषय पर मौन किसी बडे खतरे की तरफ बढते कदम नहीं दिखाई दे रहे हैं किसी को। जबकि पत्रकार बन्धु की कलम भी इस विषय पर वन्देमातरम् और जय गौमातरम् करती हुई नजर आ रही है परन्तु विदेशी मीडिया साथ है तो सरकार को डर किस बात का।
सुनील शुक्ल उपसम्पादक 9717534480
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