सत्यम् लाइव, 13 जुलाई 2021, दिल्ली।। यूरोप के कई देशों में, लगातार बढ़ती हुई गर्मी ने कई जीवों-जन्तु सहित हजारों मानव को मौत के घाट तक उतार दिया है और ये सभी वैज्ञानिकों के लिये एक चिन्तिन का विषय है। सूर्य का ताप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जब ये लिखने बैठा हूॅ तब 13 जुलाई 2021 के अमेरिका में रात्रि के 8 बजे हैं और तापमान 47 डिग्री है जबकि दिन का तापमान 52 और कल का तापमान 56 डिग्री तक बताया जा रहा है।
पिछले दो सप्ताह से कनाडा और अमेरिका में इतनी खतरनाक लू चल रही है कि लोगों का जीवित रहना मुश्किल हो रहा है और ये ताप लगातार बढ़ ही रहा है अब तक। कनाडा के ब्रिटिश में भी यही हाल है जबकि भारत की जनता को, कारण कुछ और बताया जा रहा है परन्तु पिछले दो सप्ताह से करोड़ों समुद्र जीव मृतक पाये जा रहे हैं। साथ ही हजारों मानव ने भी इसी गर्मी के कारण से अपनी जॉन गवाई है।
ब्रिटिश कोलांबिया विश्वविद्यालय में जूलॉजी विभाग के प्रोफेसर क्रिस्टोफर हार्ले ने क्रिट्सिलानो बीज पर सैकड़ों समुद्री जीव को सड़ते हुए पाया है उनका कहना है कि इन समुद्री जीव ने अपनी जॉन इस विनाशकारी गर्मी के कारण गंवाई है इस विनाशकारी गर्मी ने अरबों जीवों को अपनी जॉन गॅवानी पड़ी है। ये बढ़ते हुए मानसून का कारण ये भौतिकवादी विकास ही है जिसको विकास कहा जा रहा है। ऐसा नहीं है कि ये विनाशकारी लीला यूरोप और कनाडा में ही देखने को मिल रही है।
एशिया के कई देशों का भी यही हाल है। भारत की बात कर लें तो भारत के बिहार, झाड़खण्ड, मध्य प्रदेश, पूर्वी उप्र, हिमांचल और उत्तरांचल में पानी ने अपनी विनाशलीला मचा रखी है। साथ भारत में, दो चक्रवात ने तो सब कुछ लील लेने का प्रयास किया। इसमें से पश्चिम बंगाल में आया यास तूफान तो अपना असर आज भी दिखा रहा है। इस तूफान के कारण एक तरफ समुद्री जीव, सड़क पर आ गये तो कितने ही बड़़ी संख्या में, व्यक्तियों को बेघर कर दिया। जिसकी संख्या का पूरा वर्णन अभी तक नहीं मिल पा रहा है। दो दिन पहले बिहार के समस्तीपुर में 1100 परिवारों को बेघर करके, टेंट में रहने को मजबूर कर दिया है। इस पानी ने। एक तरफ आग है तो दूसरी तरफ पानी।
सुनील शुक्ल