सत्यम् लाइव, 13 अप्रैल 2021, दिल्ली।। दिल्ली के शिक्षा मंत्री जी जो लगातार विश्व की सबसेे अच्छी शिक्षा दिल्ली में सबको दिलाने की बात प्रारम्भ से करते चले आ रहे हैं और पूरे भारत की सबसे अच्छी शिक्षा व्यवस्था का वादा करते रहे हैं आज स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि पूरे न शिक्षा हुई और ही परीक्षा नहीं हुई। आज की इस दशा पर मात्र सम्पादकीय लिखने पर ही विवश होना पडता है। विश्व की सर्वेश्रेष्ठ भारत में थी और वो शिक्षा व्यवस्था सूर्य की गति के अनुसार थी इसी कारण से उसे सनातनी कहा जाता था।
टवीट करते हुए शिक्षा मंत्री ने दिल्ली में परीक्षा न होने का संदेश देते हुए लिखा है कि देशभर में कोरोना के मामलों को देखते हुए अब वक्त आ गया है कि CBSE बोर्ड परीक्षाएं रद्द की जाएँ. जब पूरे साल शिक्षा पुराने तरीके से नहीं हुई तो साल के अंत में परीक्षा पुराने तरीके से कराने की ज़िद क्यों है? अगर परीक्षा रद्द नहीं हुई तो परीक्षा केंद्र सुपर-स्प्रेडर बन जाएँगे।
इस वायरस को लेकर जब वैदिक गणित को जानना और पढना प्रारम्भ किया तो अब ये कहना अनिवार्य हो गया है कि भययुक्त शिक्षक भयमुक्त समाज की स्थापना नहीं कर सकता है। अत: समस्त शिक्षक को मिलकर अब भयमुक्त समाज स्वयं स्थापित करना होगा और उसके लिये भारतीय शास्त्राें से वैदिक गणित का विषय स्वयं पढाना होगा।
सुनील शुक्ल
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