अपनी संस्कृृति और सभ्यता को पहचानने के लिये पहले भगवान और गंगाजल को गंगा मॉ समझना जरूरी है।
सत्यम् लाइव, 13 सितम्बर 2020, दिल्ली।। भारतीय शास्त्रों में गंगाजल की महत्ता इतनी वयां की गयी है कि मुस्लिम शासक अकबर के लिये कहते हैं कि वो अपना भोजन गंगा जल से ही बनवाता था और पूरेे समय पीने के गंगाजल ही पीता था। इतिहासकारों ने अकबर सहित कई शासकों के बारे में ऐसा ही लिखा है परन्तु शुद्ध पानी पीने को मिल जाये तो बहुत बडी बात है। अपनी संस्कृृति और सभ्यता को पहचानने के लिये पहले भगवान और गंगाजल को गंगा मॉ समझना जरूरी है। धर्म और अधर्म केे बीच के युद्ध में धर्म की परिभाषा समझना आवश्यक है। सैनेटाइजर को घर घर में प्रयोग करके कहॉ धर्म की स्थापना न हिन्दु के परिवार में हाेे रही हैै न मुस्लिम के परिवार मेें, अधर्म की स्थापना पैसों के लालची के घर में अवश्य हो रही है। जिस देश मेें पानी के प्याओं बनवायें जाते थे उस देश में अंग्रेजों की पश्चिमी परम्परा में ऐसेे लिप्त हुए है हम बस कि अब विदेशी कम्पनी भारत में पानी बेच रही हैं साथ जब से कोरोना को लेकर नये कानून बनते जा रहे है वो सब अंग्रेजों की तर्ज पर है जैसे मन्दिरों में सैनेटाइजर छिडका जा रहा है विरोध करने की ताकत नहीं है। सैनेटाइजर में एल्कोहल है, एल्कोहल को हिन्दु तथा मुस्लिम शास्त्रों में पूर्ण तरह से प्रतिबन्ध किया गया है। इसके बावजूद जिस पूॅजिपति को देखो, सैनेटाइजर छिडककर ही भगवान भजन कर रहा है। इससे भी बढकर ताज्जूब तो तब होता है जब भरपूर सैनेटाइजर छिडकने के बाद कोरोना का वायरस मरा हो या न मरो हो परन्तु मच्छर अभी भी जिन्दा है अब मच्छरों को समाप्त करने केे लिये लेमन युक्लिप्टस ऑयल में, नारियल का तेल या ऑलिव आयल के साथ थोडी सी एल्कोहल मिलाकर घर छिडक देने का सुझाव दिया जा रहा है। मतलब साफ है आम के आम गुठलियों केे दाम। भारतीय संस्कृति और सभ्यता से परे हटकर एल्होहल को भारतीय समाज पर धीरेे धीरे पूरी तरह से मढा जा रहा है आप को ये तो याद ही होगा कि शराब की दुकान पहले खोली जाती है और कहा जाता हैै देश की अर्थव्यवस्था ठीक होगी। कृषि प्रधान देश मेें देश की अर्थव्यवस्था अब शराब ठीक करेगा। ऐसे अगर राम राज्य आना था तो रावण राज्य इससे ठीक था। अब तो बच्चे सुनते ही नहीं है मोबाईल में लगे हैं यदि बाहर निकलें तो डर लगता हैै कि कहीं कोई नाश न करना सीख लें क्योंकि शराब ही नहीं चरस, अफीम का कागज खुले आम पान की दुकानों पर बिक रहा हैै और सरकारें भष्टाचार मिटाने की शपथ उठा रही है। सकल दिखाने वाले टीवी चैनल पर पत्रकार ऐसे बात करता हैै जैसे आज पूरे समाज को बदल देगा परन्तु बताता वो जनता को कभी कोरोना के बारे में जो भारतीय ज्योतिष शास्त्र को फेल करते हुए चैत्र मास मेें आता है और ध्यान दें बडे बडे वेद पढाने वाले मठ चुप बैठे हैं कोरोना के डर से। जब टीवी चैनल का पत्रकार उधर से ध्यान हटाता तो जनता का ध्यान सुशान्त से लेकर कंगना तक लेकर आता है अब अक्षय कुमार गौ मूत्र रोज पी रहें है परन्तु उनके दाढी तक के बाल काले की जगह सफेद होते चले जा रहे हैं। जबकि ये बाल सफेद मात्र ऑवला खाने से नहीं होते हैं। गौमूत्र में सारे पोषक तत्व हैैं परन्तु जनता लगी है शराब को गंगाजल समझकर पीने में और सैनेटाइजर को गंगाजल समझकर घर पर छिडकने में।
सुनील शुक्ल
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