दिल्ली शिक्षा विभाग ने जारी किया नया कैलेंडर कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए।
सत्यम् लाइव, 5 मई 2020, दिल्ली।।स्कूलों के जल्द खुलने पर संशय के बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए भी वैकल्पिक कैलेंडर जारी किया है। नए कैलेंडर के अनुसार विद्यार्थी घर बैठे ही योजनाबद्ध तरीके से पढा़ई कर सकेंगे। इसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों की सुविधा का ध्यान रखा गया है। इससे पहले भी मंत्रालय ने पहली से पाॅचवी, छठवीं से आठवीं और नौवीं से दसवीं कक्षा के लिए अलग-अलग वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था। निशंक ने कहा कि इस कैलेंडर के माध्यम से शिक्षक अलग -अलग तकनीकों अरैर सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म के जरिए बच्चो को अभिभावकों की देख-रेख में ही पढ़ा सकेंगे। फिलहाल यह कैलेंडर चार सप्ताह का है। जैसे की पहले ही बताया जा चुका है कि उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकारी स्कूलों के केजी से लेकर 12वीं तक के करीब 9 लाख छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन एवं एसएमएस/आईवीआर लर्निंग सिस्टम का लाभ उठाया। इसी वर्त्ता में शिक्षा निर्देशक विनय भूषण जी ने कहा था कि छात्रों के पूरी तरह स्कूल में वापस आने तक उनकी प्रति सप्ताह ट्रैकिंग करने की योजना पर निर्देशालय काम कर रहा है। प्रमुख सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि बंदी के दौरान निर्देशालय ने कक्षा 11वीं के छात्रों के लिए लाइव ऑनलाइन कक्षाएं, 10वीं और 12वीं के लिए हर दिन अंग्रेजी और व्यक्तित्व विकास कक्षाएं, कक्षा 9 के छात्रों के लिए ऑनलाइन गणित की कक्षाएं, 9 से 12 के छात्रों के लिए डिजिटल उद्यम शीलता कक्षाएं और केजी से कक्षा 8 तक बच्चों के लिए माता-पिता के माध्यम से एस.एम.एस और आई.वी.आर. आधारित गतिविधियों का आयोजन किया गया था। प्रतिदिन औसतन 40,000 लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा कि लाइव ऑनलाइन कक्षाओं का प्रयोग काफी सार्थक रहा। कक्षा 11 के छात्रों के लिए कैरियर लॉन्चर के सहयोग से 6 अप्रैल को ऑननलाइन कक्षाएं प्रारंभ हुईं। 85 फीसदी छात्रों ने इसमें पंजीयन किया। अंग्रेजी कक्षाओं में सर्वाधिक 60,500 छात्रों की उपस्थिति हुई। ये कक्षाएं 30 मई 2020 को संपन्न हुईं। वहीं शिक्षा निदेशालय ने कहा कि इन कक्षाओं के माध्यम से सामान्य कक्षाओं की अपेक्षा 10 घंटे से भी अधिक अतिरिक्त पढ़ाई हुई। आज 5 तारीख 2020 तक को दिल्ली सरकार ने सभी स्कूल से अपनी अपनी राय मॉगी थी आज यहॉ का परिणाम समाने आयेगा। परन्तु अनसुलझे प्रश्नों का उत्तर अभी कहीं से नहीं मिल रहा है क्योंकि प्लान तात्कालिक बनाया जा रहा है दूूसरी योजना यह है कि आधे-आधे बच्चों को बुलाकर स्कूल दो पाली में लगाए जाए, ताकि सोशल डिस्टेंंसिंग का पालन हो सके। स्कूलों में बच्चो के लिए मास्क अनिवार्य किया जाएगा। बहुत सारे प्रश्नोंं के उत्तर मिलना अभी शेष है कि यदि दो पाली में स्कूल लगाये जायेगें तो बहुत से स्कूल पहले से ही दो पाली में चल रहे हैं फिर उस पर क्या होगा? साथ ही यदि ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की जाती है तो क्या गणित जैसा विषय समझ में आ जायेगा? और क्या हर अभिभावक के पास इतना पैसा है कि वो अब स्कूल की फीस के साथ, नेट के रिचार्ज पर पैसा खर्च कर सकेगा।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
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