सत्यम् लाइव, 9 फरवरी 2021, दिल्ली।। राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद की विदाई पर उनके योगदान का जिक्र करते करते हुए कहा कि पद आते हैं, उच्च पद आते हैं, सत्ता आती है और इन्हें किस तरह से संभालना है, यह गुलाम नबी आजाद जी से सीखना चाहिए। मैं उन्हें सच्चा दोस्त समझूंगा। उनके एक जुनून के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं, वो है बागवानी भी करते हैं। वो घर में बगीचे को संभालते हैं, जो कश्मीर की याद दिलाता है। भावुक होने के पश्चात् आंसू पोछते हुए कहा कि हमें गुलाम नबी से सीखना चाहिए किस तरह संभाला जाता है पद। प्रधानमंत्री ने कहा, श्रीमान गुलाम नबी आजाद जी, श्रीमान शमशेर सिंह जी, मीर मोहम्मद फैयाज जी, नादिर अहमद जी मैं आप चारों महानुभावों को इस सदन की शोभा बढ़ाने के लिए, आपके अनुभव, आपके ज्ञान का सदन को और देश को लाभ देने के लिए और आपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान के लिए आपके योगदान का धन्यवाद करता हूं।’
सुनील शुक्ल
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