नई दिल्ली, 04 सितंबर 2025:
स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सेल) और आर्ट ऑफ़ लिविंग ने कर्मचारियों के समग्र सशक्तिकरण और Holistic Well-Being को बढ़ावा देने के लिए एक अहम समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह MoU 03 सितंबर 2025 को बेंगलुरु स्थित आर्ट ऑफ़ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर में साइन हुआ। इस अवसर पर सेल के निदेशक (कार्मिक) श्री के.के. सिंह, एमटीआई के कार्यकारी निदेशक (HR-L&D) श्री संजय धर और आर्ट ऑफ़ लिविंग के वीवीकेआई अध्यक्ष श्री ब्र. प्रज्ञाचैतन्य मौजूद रहे।
कार्यक्रम का उद्देश्य
इस सहयोग के तहत सेल के कर्मचारियों को आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा तैयार किए गए संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का हिस्सा बनाया जाएगा। इनमें मुख्य रूप से:
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भावनात्मक लचीलापन (Emotional Resilience)
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सचेतनता (Mindfulness)
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नेतृत्व कौशल (Leadership)
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व्यक्तिगत सशक्तिकरण (Personal Empowerment)
शामिल किए जाएंगे।
कर्मचारियों को होंगे ये फायदे
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तनाव प्रबंधन और कार्य-जीवन संतुलन में मदद
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सकारात्मक सोच और उत्पादकता में वृद्धि
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भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण
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नेतृत्व क्षमता और आत्मविश्वास का विकास
श्री श्री रविशंकर का मार्गदर्शन
इस MoU को लेकर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने भी मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि “आंतरिक शांति और सद्भाव ही सफलता और समग्र विकास की असली कुंजी है।”
भविष्य की संभावनाएँ
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल न केवल सेल बल्कि अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) के लिए भी प्रेरणा बन सकती है। आने वाले समय में Workforce Empowerment + Emotional Intelligence को उद्योग जगत में उतना ही महत्व मिलेगा जितना तकनीकी कौशल को मिलता है।
कर्मचारियों और संगठनों की प्रतिक्रिया
सेल कर्मचारियों और श्रमिक संगठनों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह कार्यक्रम कर्मचारियों की मानसिक और भावनात्मक मजबूती को बढ़ावा देगा और कंपनी की संगठनात्मक संस्कृति को और मजबूत करेगा।
निष्कर्ष
सेल और आर्ट ऑफ़ लिविंग का यह समझौता भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में एक नई शुरुआत माना जा रहा है।
यह कदम कर्मचारियों को न सिर्फ पेशेवर बल्कि व्यक्तिगत और भावनात्मक स्तर पर भी मजबूत बनाएगा।
FAQ (Short Q&A)
Q1. MoU कब और कहाँ साइन हुआ?
03 सितंबर 2025 को बेंगलुरु में।
Q2. इसमें कौन-कौन उपस्थित थे?
सेल के श्री के.के. सिंह, श्री संजय धर और आर्ट ऑफ़ लिविंग के ब्र. प्रज्ञाचैतन्य।
Q3. कर्मचारियों को इससे क्या लाभ होगा?
तनाव प्रबंधन, नेतृत्व क्षमता, सचेतनता और व्यक्तिगत सशक्तिकरण।
Q4. इस MoU में श्री श्री रविशंकर जी की क्या भूमिका रही?
उन्होंने मार्गदर्शन और प्रेरणा दी।
Q5. क्या यह पहल अन्य कंपनियों तक भी पहुँचेगी?
हाँ, भविष्य में यह मॉडल अन्य PSUs के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।