सत्यम् लाइव, 5 जून 2021, दिल्ली।। टीचर एलिजिबिलिटि टेस्ट यह वो प्रमाण पत्र है जो स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यताओं में से एक है। पहले टीईटी पास प्रमाण पत्र की वैधता 7 साल के लिए थी। ये योग्यता उन विद्यार्थियों के लिए बड़ा महत्वपूर्ण होता है जो अध्यापक के तौर पर स्कूलों में अपनी सेवा देना चाहते है। जिसमें टीईटी प्रमाण पत्र होना जरूरी होता है। इससे ही उस व्यक्ति को अध्यापक के लिए योग्य समझा जाता है। अब ये खबर उन विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशी की बात होगी जिनकी टीईटी प्रमाण पत्र वैधता समाप्त हो गई है। अब वो भी फिर से अध्यापक के लिए दावा कर सकते है।
इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज घोषणा की, सरकार ने टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट क्वालिफांइग सर्टिफिकेट का वैलिडिटी पीरियड 7 साल से बढ़ाकर लाइफ टाइम करने का फैसला किया है। निशंक जी ने कहा यह अध्यापक क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा। उन्होंने ये भी कहा की ये फैसला 10 साल पहले से लागू किया गया है। यानी इस सालों के अंदर जिनके भी प्रमाण पत्रों का समय समाप्त हो चुका है वे भी अब शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए मान्य होंगे। इन उम्मीदवारों को नए सिरे से टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने या जारी करने के लिए आवयक प्रक्रिया पूरा करेंगे जिनकी 7 वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है।
यह बड़ा परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के 11 फरवरी, 2011 के दिशा निर्देश में किया गया है। जिसमें यह निर्धारित किया गया था कि टीईटी राज्य सरकारों द्वारा आयोजित की जाएगी और टीईटी प्रमाण पत्र की वैधता टीईटी पास करने की तारीख से 7 वर्ष थी।
मंसूर आलम
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