सत्यम् लाइव, 20 जून 2021, दिल्ली।। बारिश ने समूचे देश को अपनी आक्रोश पर में ले रखा है ये कार्य यास तूफान के भयावह स्थिति के कारण पहले पश्चिम बंगाल, उडीसा, झारखण्ड से लेकर बिहार तक ही थी एक कदम और बढाकर तूफान ने अपने कदम राजस्थान की तरफ भी बढायें और ज्येष्ठ के मास में ही उदयपुर की सारी झीलें भर दीे। इस पर भी तूफान का मन नहीं भरा और लगातार अपने कदम बढाता ही रहा। धीरे-धीेरे ये तूफान ने अपना रूख परिवर्तित किया और मानसून को पहले बुलावा भेज दिया। आज स्थिति ये है कि बिहार में लोग अपने घर को छोडने को तैयार हैं और उत्तराखण्ड की बढी हुई गंगा मईया ने जो 2013 के रिकार्ड तोडकर लोगों के घरों में प्रवेश कर चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी में गाडियों तैरती हुई नजर आयी हैं बारिश के पानी में। नई दिल्ली-लखनऊ रेलवे ट्रैक पर मुरादाबाद रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर पानी भरने के बाद पंपिंग सेट की मदद से पानी निकाला गया है। रामपुर, अमरोहा व सम्भल में भी झमाझम बारिश हुई है तथा सम्भल के चन्दौसी में बारिश से सड़कें तालाब बन गईं हैं। पीएसी की फ्लड टीम को बुलाकर नाव से फंसे लोगों सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। यह लोग अचानक पानी बढऩे के कारण पेड़ों पर चढ़े थे। बिजनौर के नागल व बेगावाला क्षेत्र में मजदूरों को बचाया गया है।
इन भयावह स्थिति में आनलाइन को बढावा दिया जा रहा है वो कैसे पूरा होगा ये एक बहुत बडा प्रश्न है परन्तु किसी के पास कोई जबाव नहीं है और न ही कोई इस विषय को समझना चाहता है। जब किसी से प्रश्न करो तो मात्र एक उत्तर होता है कि विकास हो रहा है। इस बाढ के कारण जब बिजली की व्यवस्था पर ही लगातार खर्चा होता रहेगा तो आनलाइन से बाजार कैसे चलेगी क्योंकि पिछले दो सालों में लगभग 4 तूफान आ चुके हैं और पानी जब अपना भयावह रूप रखता है तो पहली समस्या बिजली की बनती है और यही वो समस्या है जो यदि आयी तो आनलाइन व्यवस्था कभी प्रारम्भ नहीं हो सकती है और विकास जो अंग्रेजों के समय से पश्चिमी सभ्यता के अनुसार होता चला आ रहा है वो कभी नहीं हो पायेगा।
सुनील शुक्ल
Discover more from Satyam Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.