सत्यम् लाइव 3 मई 2020, दिल्ली।। ऑनलाइन शिक्षा को लेकर अभिभावक और शिक्षकों दोनों के बीच ही असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सत्यम् लाइव के एक टीम अभिभावकगण से सम्पर्क करने केे बाद अभी तक इस निर्णय पर पहुॅची है कि दिल्ली केे लगभग 75 प्रतिशत अभिभावक को यही नहीं ज्ञात है कि ये कैसे शिक्षा होगी? शिक्षक भी लगभग यही कहते हुए नजर आ रहे हैं कि जब गणित एक ऐसा विषय है जो सामान्यतया जब कक्षा में समझाया जाता है तब तो समझ मेंं आता नहीं है फिर भला कैसे इस ऑनलाइन में समझ में आयेगी? ये शिक्षा व्यवस्था के नाम पर क्या खिलवाड नहीं होगा? ऐसा कोई भी ऑनलाइन अब तक व्यवस्था नहीं है जिसे खोलते ही गन्दी तस्वीर न दिखाई दें। फिर बालकों के हाथ में इस ऑनलाइन शिक्षा केे नाम पर घातक अपराधी बनाने वाला तत्व देने जा रहे हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि मानव का मस्तिष्क एक बहुत बडा रिसवर है बचपन में इसे जिस दिशा पर लगा दिया जाता है वो पूरी जीवन ही उसी दिशा पर काम करता रहता है। दिल्ली के नन्दनगरी प्रतिभा में पढने वाले बालक की मॉ श्रीमती ऋतु जी का कहना था कि पहले ही छिनाछिनाकर रखना पडता था अब तो सरकार ही अनुमति दे रही है और अगर मोबाईल का प्रिन्ट निकलवाते हैं तो 50 रूपये खर्चा करे। नेट का खर्चा इस माह का 200 रूपये किया है आगे क्या होगा जब ये पूरी तरह से लागू हो जायेगा? इस पर वर्त्ता अभी चालू है इतना अवश्य कहा जा सकता है इस विषय पर अभिभावक और शिक्षक के साथ बहुत बडा वर्ग विद्यार्थी का है जो तैयार नहीं है जो पढने के साथ किसी विषय को समझने वाले विद्यार्थी हैंं उनमें से एक भी तैयार नहीं हो रहा हैै और जो पढने के नाम पर सुबह से शाम तक मोबाईल के साथ रहना को ही पढना मानते हैं ऐसे मॉ-बाप और विद्यार्थी तथा शिक्षक सब तैयार हैंं।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
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