भारत ने डिजिटल क्रांति के क्षेत्र में एक और बड़ा मुकाम हासिल किया है। नवीनतम रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत अब दुनिया में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर पहुँच चुका है। 806 मिलियन (80 करोड़ से अधिक) इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है और अब केवल चीन से पीछे है। यह उपलब्धि भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्मार्टफोन की तेजी से बढ़ती पहुँच और सस्ती इंटरनेट सेवाओं का नतीजा है।
भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की तेज़ी से बढ़ोतरी
भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या बीते दशक में लगातार तेजी से बढ़ रही है। सस्ती मोबाइल डेटा सेवाएँ, जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों की एंट्री, सरकारी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम और ग्रामीण क्षेत्रों तक नेटवर्क विस्तार ने इस वृद्धि को तेज किया है।
- 2010: लगभग 10 करोड़ इंटरनेट यूजर
- 2015: 30 करोड़
- 2020: 60 करोड़
- 2025: 80 करोड़ से अधिक
यह आँकड़े दर्शाते हैं कि भारत में हर साल लाखों नए लोग इंटरनेट से जुड़ रहे हैं।
किन कारणों से बढ़ा इंटरनेट उपयोग
- सस्ती डेटा सेवाएँ – भारत में मोबाइल इंटरनेट दुनिया में सबसे सस्ता है। औसतन 1GB डेटा केवल 10-12 रुपये में मिल जाता है।
- स्मार्टफोन क्रांति – चीनी और भारतीय कंपनियों के किफायती स्मार्टफोन्स ने ग्रामीण और शहरी दोनों बाजारों में इंटरनेट की पहुँच आसान बना दी।
- सरकारी योजनाएँ – ‘डिजिटल इंडिया’, ‘भारत नेट प्रोजेक्ट’, और ग्रामीण ब्रॉडबैंड जैसी योजनाओं ने गाँवों तक इंटरनेट पहुँचाया।
- OTT और सोशल मीडिया का बढ़ता चलन – यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक और OTT प्लेटफॉर्म्स की डिमांड ने भी इंटरनेट उपयोग को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।
भारत के लिए डिजिटल पावरहाउस बनने का रास्ता
भारत अब दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल आबादी में से एक है। यह न सिर्फ सोशल मीडिया या मनोरंजन तक सीमित है, बल्कि शिक्षा, हेल्थकेयर, बैंकिंग और ऑनलाइन शॉपिंग जैसे सेक्टर्स में भी बड़ा बदलाव ला रहा है।
- डिजिटल पेमेंट्स: UPI ट्रांजैक्शन हर महीने लाखों करोड़ रुपये तक पहुँच रहे हैं।
- ई-कॉमर्स: Amazon, Flipkart जैसी कंपनियाँ भारत के ग्रामीण और टियर-2, टियर-3 शहरों तक पहुँच रही हैं।
- ऑनलाइन शिक्षा: Byju’s, Unacademy जैसी एड-टेक कंपनियों ने शिक्षा को डिजिटल बना दिया है।
वैश्विक रैंकिंग
- पहला स्थान: चीन – 1 बिलियन+ इंटरनेट उपयोगकर्ता
- दूसरा स्थान: भारत – 806 मिलियन+ इंटरनेट उपयोगकर्ता
- तीसरा स्थान: अमेरिका – लगभग 320 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता
भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया में डिजिटल आबादी का दूसरा सबसे बड़ा हब बना लिया है।
चुनौतियाँ अभी भी बाकी
हालाँकि भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है, लेकिन चुनौतियाँ अभी भी हैं:
- ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की गुणवत्ता कमजोर
- साइबर सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी की कमी
- डिजिटल लिटरेसी (डिजिटल साक्षरता) की कमी
यदि इन चुनौतियों पर काम किया जाए तो भारत अगले कुछ वर्षों में डिजिटल दुनिया का सबसे बड़ा खिलाड़ी बन सकता है।
भविष्य की संभावनाएँ
रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले 5 वर्षों में भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 1 अरब के पार पहुँच सकती है। 5G नेटवर्क का विस्तार, सस्ती डेटा योजनाएँ और डिजिटल पेमेंट्स का प्रसार इस वृद्धि में अहम भूमिका निभाएँगे।
भारत का यह डिजिटल विस्तार देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार और तकनीकी विकास को भी नई दिशा देगा।
निष्कर्ष
भारत का इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में दुनिया का दूसरा स्थान हासिल करना इस बात का प्रमाण है कि देश तेजी से डिजिटल पावरहाउस की ओर बढ़ रहा है। जहाँ एक ओर यह डिजिटल इंडिया मिशन की सफलता को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह आने वाले समय में भारत को वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनाने की ओर इशारा करता है।