सत्यम् लाइव, 12 नवम्बर 2020, दिल्ली।। धनतेरस 2020 की तिथि को लेकर सभी असमन्जय में हैं कि धनतेरस का पूजन कब किया जाये। औरेया जिले के सोधेंमऊ गॉव के श्री तिवारी जी हो पूजारी बाबा के नाम से जाने जाते हैं जब उनसे मुलाकत कर ये जानने का प्रयास किया तब हिन्दी तिथि पर विश्लेषण करते हुए बताया कि 12 नवंबर को रात्रि 9.30 बजे तक द्वादशी तिथि है अत: गुरूवार के दिन धनतेरस की पूजा करना शुभ माना जायेगा और तेरस 13 नवम्बर को सायं 6 बजे तक रहेगी अत: कुछ लोग 13 नवम्बर को भी पूज रहे हैं उन सभी को 12 को पूरा दिन और 13 नवम्बर को सायं 6 बजे तक ही धनतेरस का पूजन किया जा सकता है। त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस समयानुसार 12 नवम्बर गुरूवार से प्रारम्भ होकर को रात 9 बजकर 30 मिनट पर शुरू होकर 13 नवम्बर को शुक्रवार को सायं 6 बजे तक रहेगी।
धनतेरस की पूजा करना शुभ- पुजारी बाबा के अनुसार, 12 नवम्बर दिन गुरुवार को दिन धनतेरस की पूजा नहीं की जा सकती। 13 नवंबर शुक्रवार को शाम को 5 बजकर 59 मिनट तक त्रयोदशी है। प्रदोष काल होने के कारण धनतेरस की पूजा 13 नवंबर को करना शुभ है। धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन सोना, चांदी और पीतल की वस्तुएं खरीदना शुभ है परन्तु अपने परिवार को स्वस्थ बनाने के लिये धनतेरस का त्यौहार बनाया जाता है क्योंकि धन्वतरि की पूजा होती है और धन्वतरि का अवतरण ही समुदाय काेे स्वस्थ बनाने के लिये हुआ था और धन्वतरि ने सम्पूूूूूर्ण समाज को स्वस्थ बनाने केे लिये दो स्थलों पर निवास किया एक तो गंगा जल में, दूूूूूसरा गौमूत्र में। अत: आप सभी से ये निवेेदन है कि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि के साथ गणेश, माता-लक्ष्मी जो बाजार में गौमय के उपलब्ध हैं उनका पूजन गौमय धूूूपवत्ती, गौघृृत का दीपक जलाकर अवश्य करें। श्रेष्ठ पूजन काल वैसे तो स्थान के अनुसार बदलता ही रहता है परन्तु सायं 5:30 से लेकर 5:59 समय तक है शेष जाप करने का समय 12 तारीख से 13 तारीख तक पूरा ही समय श्रेेेेष्ठ माना गया है।
सुनील शुक्ल
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