सत्यम् लाइव, 27 मई 2021, दिल्ली।। उत्तर प्रदेश के बरेली के बारादरी में जोगी नवादा की बात हैै जहॉ पर एक नवयुवक अपने ही घर केे बाहर घूम रहा था और उसका गुनाह इतना था कि उसने मास्क नहीं लगा रखा था। भारतीय ग्रन्थों के अनुुसार अब बहुत बडी संख्या में लोग भारतीय ग्रन्थों को सत्य साबित करने लगे हैं परन्तु आज अपने स्वार्थ में डूबा लालची व्यक्ति उसे भारतीय ग्रन्थों से अलग अपनी पहचान आज भी पश्चिमी सभ्यता के आधार पर बनाता चला जा रहा है।
इसी आधार को साझात प्रमाण बारादरी में जोगी नवादा की रहने वाली शीला देवी बुधवार दोपहर अपने बेटे रंजीत रंजीत पुत्र मुन्ने बाबू को साथ लेकर एसएसपी ऑफिस पहुंच गयीं और उन्होंने बताया कि 24 मई की रात लगभग 10 बजे उनका बेटा रंजीत घर के बाहर घूम रहा था अचानक तीन पुलिसकर्मियों ने उसे रोका। उनके बीच कहासुनी हो गई। रंजीत के मुंह पर मास्क नहीं लगा हुआ था इसके कारण जोगी नवादा पुलिस उसे चौकी ले गई। जानकारी होने पर शीला पुलिस चौकी पहुंची लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया। दो दिन तक वह बेटे को ढूंढती रही लेकिन उसका कुछ पता नहीं लगा। बुधवार को युवक अपनी मां के साथ एसएसपी दफ्तर पहुंचा कर अपने साथ हुई बर्बरात की पूरी दास्तां सुनाई। एसएसपी का कहना है कि प्रारंभिक जांच में पुलिस पर कीलें ठोकने का आरोप गलत पाया गया है। युवक के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह ड्रामा कर रहा है। साथ ही जोगी नवादा के सिपाही हरिओम व दो अन्य पुलिस कर्मी डयूटी कर रहे थे।
सुनील शुक्ल
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