
आज आपको हम एक गजब के हिंदी साहित्यकार से मिलवाते है। ये हिंदी के साहित्यकार है जो भारत के राष्ट्पति जी से भी सम्मानित हो चुके हैं। और अब तक काफी हिंदी किताबे लिख चुके है। इनका नाम श्री लक्ष्मण राव है और ये करीब 40 सालो से किताबे लिख रहे हैं।
पर इनकी कुछ खास बात ये है कि ये बहुत ही सीधे साधे, साधारण और खुद्दार आदमी है। ये करीब 40 सालो से चाय बेचकर ही किताबे लिखते है और प्रिंट करवाते है। और इसी तरह इन्होंने अपने जज्बे को कायम रख रखा है।
और इनके बारे में और क्या लिखूं। लिखने को तो बहुत कुछ है। पर शब्द कम पड़ जाते है। अगर आपके कभी समय हो तो इनसे जरूर मिलना और कुछ किताबें जरूर खरीद लेना। ताकि उनको कुछ सम्मान प्राप्त हो सके। और आगे के सफर में हिंदी साहित्य में अपना योगदान जारी रख सके।
सम्मनित हिंदी साहित्यकार श्री लक्ष्मण राव,
जगह हिंदी भवन, अरविन्द हॉस्पिटल के पीछे वाली रोड़, दिन दयाल उपाध्य मार्ग, आईं टी ओ, दिल्ली।
फुटपार्थ पर चाय की दुकान।
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