सत्यम् लाइव, 14 नम्बर 2020, दिल्ली।। दीपावली का त्यौहार को धूमधाम से अवश्य मनायें। देवी माता की कृपा आप सब पर तभी होगी जब ऑनलाइन को छोडकर पूरा परिवार मिलकर एक साथ देवी सूक्तम् का पाठ करेगें। उत्तर दिशा में प्रतिष्ठत श्रीगणेश, लक्ष्मी, सरस्वती जी के साथ कुबेर का पूजन करें या फिर ऊं श्रीं श्रीं हूं नम: का 101 बार जाप करें। 1 नारियल और 101 कमलगट्टे पूजा स्थल पर चढायेें। दीपों के पर्व दिवाली पर महालक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन जो भक्त पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करता है वो पूरे वर्ष सुख-समृद्धि से भरा रहता है यही वो शुभ दिन है जिस दिन शुभ मां लक्ष्मी खुद धरती पर आती हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं।अमावस्या तिथि 14 नवंबर दोपहर 2:17 बजे से शुरू होगी और दूसरे दिन 15 नवंबर को सुबह 10:36 बजे तक रहेगी. इस वजह से मां लक्ष्मी का पूजन 14 नवंबर शनिवार और रविवार को प्रात:काल हो सकता है। 32 साल बाद एक योग और बना जिसे सर्वाथ सिद्धि योग कहा जाता है। 32 साल पहले भी सूर्य, बुध, चंद्रमा, तुला राशि में थे। इस वजह से जातकों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी थी। ये योग आज भी बन रहा है। अत: गौघृत का दीपक अवश्य जलायें, देशी गाय के गोबर से बने कण्डे, धूपबत्ती जलाये और साथ ही गौमय गणेश लक्ष्मी को घर पर पूरेे वर्ष के लिये स्थापित कर लें।
लक्ष्मी पूजन के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 14 नवंबर 2020 को घर पर दिवाली पूजन का समय शाम 5:28 से शाम 7:30 तक पर होगा जबकि प्रदोष काल मुहूर्त शाम 5:33 से रात्रि 8:12 तक होगा, काली मॉ अर्थात् कर्म की देवी का पूजन रात्रि 11:39 से 00:32 तक होगा व्यापारिक प्रतिष्ठान पूजा सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त अभिजित: दोपहर 12:09 से शाम 04:05 तक तथा रात्रि मेंं (शुभ, अमृत, चल सम्पत्ति के लिये) 08:47 से देर रात्रि 01:45 तक साथ हीी प्रात:काल: (लाभ) 15 नवंबर को 05:04 से 06:44 तक पूजन का पुुुुन: श्रेष्ठ मुहूर्त है। समस्त गौ भक्तों की तरफ से अनुरोध किया जाता है कि कोरोना से बचने के लिये दीपावली के पूजन में गौ उत्पाद का प्रचुर मात्रा में प्रयोग करें। क्योंकि काल के जानकार की रक्षा स्वयं महाकाल करते हैं। सुुुुुनील शुक्ल
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