दंगेे की पुरानी तस्‍वीर व अपने मन से संदेश हो रही हैं वायरल

सत्‍यम् लाइव, 28 फरवरी 2020 दिल्‍ली : उत्‍तरी पूर्वी दिल्‍ली में पिछले दिनों हुए दंगे में बहुत बडी मात्रा में पुरानी तस्‍वीरों तथा ऐसे संदेश सोशल मीडिया पर वायरल कियेे जा रहेे हैंं जिनका दिल्‍ली के दंगे से कोई लेना देना नहीं है। बहुत बडी मात्रा मेें मैसेज को भी एडीट किया गया है। यह प्रश्‍न अभी भी बना हुआ है कि आखिर ये सब कर कौन रहा है। परन्‍तु ऐसी तस्‍वीरें है जो कभी जल्‍लीकटटू में ली गयी थींं तो कभी किसी जेएनयू की थींं। इस विषय को लेकर जब सत्‍यम् लाइव खोज प्रारम्‍भ की तो से ज्ञात हुआ कि बहुत बडी तस्‍वीरों का लिंक पुरानी तस्‍वीरों से है जो कभी घटित हुई थीं।

दो तरह के व्‍यक्ति आज भी समाज में उपस्थित हैं एक जो भारत में ‘वासुदेव कुटुम्‍बकम्’ की भावना से प्ररित है दूसरा वो है जो अपनी बात सत्‍य साबित करने के लिये किसी भी प्रकार से स्‍वयं को सत्‍य ठहराता है। ऐसे में स्‍वाभिक रूप से परिणाम गलत ही आता है दूसरा व्‍यक्ति भी जाने अन्‍जाने मेें भारतीय संस्‍कृति और सभ्‍यता को ठेस पहुचाता हुआ स्‍वयं को सत्‍य की कसौटी पर उताराता हुआ प्रतीत हुआ है। अधिकतर व्‍यक्ति की मनसा ऐसी नहीं है कि यहॉ पर दंगा हो परन्‍तु भावुकतावश वो जो कुछ भी सिद्व करता है उसका सहयोगी उसे सत्‍य मान लेता है। दंगे के दौरान हल्‍ला हुआ कि अशोक नगर पुल के पास शंकर जी की मूर्ति को तोड दी गयी है पर जब मैंने स्‍वयं वहॉ जाकर देखा तो वहॉ सब कुछ ठीक था। ऐसे ही काफी जगह से मुुस्लिम क्षेत्र से मन्दिर तथा हिन्‍दु क्षेत्र से मस्जिद तोडने की अफवाह फैलाई गयी पर ऐसा एक ही जगह पाया।

अत: सत्‍यम् लाइव भी आप सबसे यही अनुरोध करता है कि दंगे मेें किसी भी अफवाह पर ध्‍यान न दें अब चारो तरफ शान्ति कायम होने लगी है। दंगे में सिर्फ उनका ही नुकसान नहीं होता जिनकेे घर से जान चली जाती है अपितु प्रतिबन्‍ध होने पर जो मंहगाई बढती है उसका अन्‍दाजा साधारण व्‍यक्ति ही लगा सकता है दंगाई पर इसका कोई असर नहीं पडता है।

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इन तस्‍वीरों में पुलिस को नहीं छोडा गया है उनको भी स्‍वार्थ के परिता बलि चढाया जा रहा है। दिल्‍ली केे मुख्‍यमंत्री अर‍विन्‍द केजरीवाल सहित कई नेताओं ने जनता से अनुरोध किया कि आप लोग किसी भी वहकावे में न आयें। इसका अर्थ था इन तस्‍वीरों या संदेश को देखकर आप भ्रम जाल में न फंसे तथा किसी भी विवाद को न होने देने में शासन और प्रशासन का सहयोग करें।

उपसम्‍पादक सुनील शुक्‍ल

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