गंगा जल बना कलयुग में सैनेटाइजर
सत्यम् लाइव, 2 सितम्बर 2020, दिल्ली।। बाजार में बिक रहे अधिकांश हैंड सैनेटाइजर में घातक मेथेनॉल मिला है जिसके कारण आंखों को रोशनी खतरा बना हुआ है। सैनिटाइजर के अत्यधिक प्रयोग के कारण लोगो के हाथों में हो रही है खुजली, रूखेपन के साथ त्वचा फटने की भी शिकायत आने लगी है। कोरोना महामारी के चलते सेनिटाइजर का उपयोग कर रहे लोगों को स्किन संबम्धी परेशानियां हो रही हैं। कंजुमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (CGSI) ने यह रिपोर्ट जारी की है। परीक्षण किए गए 122 नमूनों में से 5 में विषाक्त मेथेनॉल मिला है। वहीं 45 नमूने ऐसे रहे, जिनमें लेबल पर लिखी चीजे मेल नहीं खाती। रिपोर्ट की चौंकाने वाली बात यह रही कि 4% हैंड सैनेटाइजर में जहरीले मेथेनॉल मिले हैं, जिनके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि तंत्रिका तंत्र को क्षति और अंधापन। इसी तरह साबुन से बार-बार हाथ धोने की वजह से भी हाथ की त्वचा रूखी हो रही है। ऐसी खबरें पूरी देश से आना प्रारम्भ हो गयींं हैं। दिल्ली मीत नगर निवासी एक बुजुर्ग के हाथ की त्वचा फट गयी है जबकि एक श्रीमती कीर्ति के हाथों में खुजली होने लगी। ऐसी शिकायतें डाॅक्टरों के पास लगातार आ रही हैं। तो वहीं एन-95 माॅस्क लगाने की वजह से मास्क के घेरे में श्वॉस संबंधी दिक्कतें भी सुनने को मिल रही है। भोपाल के गाॅधी मेडिकल काॅलेज के त्वचा रोग विभाग के सहायक प्राध्यापक डाॅ. नितिन पंडया कहती है- गर्मी मेंं ज्यादा पसीना आने या पसीना नहीं आने से भी कई तरह की दिक्कतें त्वचा होती हैं। इस मौसम में पसीना निकालने छिद्र खुलने खुल जाते हैं और पसीना शरीर के अंदर ही रूक जाता है। ऐसे में बैक्टीरियल इंफेक्शन होने से पकी हुई फुुंसियां होने लगती हैं। शरीर में जहां अत्यधिक पसीना बनता है, वहां लगातार नमी बनी रहने की वजह से फंगल इंफेक्शन देखने को मिलता हैं। हैंड सैनिटाइजर प्रयोग उस जगह के लिये बना था जहॉ पर जहाॅॅ पर पानी उपलब्ध कम हो उन्होंने कहा दो-तीन मिली लीटर सैनिटाइजर के प्रयोग से कोई नुकसान नहीं होता है।
सुनील शुक्ल
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