सत्यम् लाइव, 23 जुलाई 2020, दिल्ली।। कानपुर के बेकरू गॉव में, विकास दुबे द्वारा अपराधिक माामलों को अन्तिम अन्जाम देते हुए जो पुलिस द्वारा एनकाउंटर विकास दुुुुबे का किया गया था उस केस की सुनवाई केे दौरान बुधवार को सुप्रीम कोर्ट नेे वह इस मामले से जुड़ी जांच को अगले एक हफ्ते में शुरू करें। 2 महीनों के भीतर इसकी रिपोर्ट सौंपी जाए। कोर्ट ने यूपी सरकार से ये भी कहा कि वह सुनिश्चित करे कि इस तरह की कोई भी घटना भविष्य में न हो। साथ ही चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच जांच समिति बनाकर, विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच करने वाली समिति में रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान और उप्र के पूर्व डीजीपी के.एल. गुप्ता को शामिल होने का नाम भी घोषित किया। सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमीशन को एक हफ्ते में गठित करने को कहा। जिसमें सचिव और अन्य अधिकारी केंद्र सरकार मुहैया कराएगी। दो महीने में आयोग अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगा। आयोग हर पहलू पर गंभीरता से जांच करेगा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील घनश्याम उपाध्याय ने राज्य के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए। वकील ने कहा कि जस्टिस चौहान का नाम क्यों सुझाया गया है? हमने 12 जजों के नाम सुझाए थे। इस पर सी.जे.आई. का कथन था कि हम जस्टिस की पसंद खोजने के लिए उन्हें दोष नहीं दे सकते। वकील घनश्याम उपाध्याय ने कहा कि राज्य के अधिकारियों को कमेटी का हिस्सा नहीं होना चाहिए। समिति में केवल बाहर के लोग हों।
सुनील शुक्ल
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