नई दिल्ली/गुरुग्राम, 10 जुलाई 2025 –
9 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर में हुई मूसलाधार बारिश ने पूरे क्षेत्र को पानी-पानी कर दिया। दिल्ली की सड़कों से लेकर गुरुग्राम की पॉश कॉलोनियों तक हर जगह जलभराव देखने को मिला। हालात इतने बिगड़ गए कि कुछ इलाकों में पानी की गहराई तीन फीट तक पहुंच गई। मयूर विहार, लक्ष्मी नगर, पालम, और द्वारका जैसे इलाकों में सड़कों पर गाड़ियां तैरती दिखीं। वहीं गुरुग्राम में तो जैसे सीवेज सिस्टम ने सरेंडर कर दिया। सड़कों से ज्यादा पानी घरों और दुकानों में घुस गया, जिससे आमजन का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
दिल्ली बनी दरिया: राजधानी की सड़कों पर जलसंकट
दिल्ली में मॉनसून ने इस बार दस्तक तो देर से दी, लेकिन जब आई, तो आफत बनकर आई। बुधवार दोपहर बाद शुरू हुई बारिश देर रात तक जारी रही। इस मूसलाधार बारिश ने दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर की पोल खोल दी। कई इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। मयूर विहार फेज-1 के पास एनएच 24 पर गाड़ियां फंस गईं, जिन्हें बाद में जेसीबी की मदद से निकाला गया।
सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में पालम, उत्तम नगर, करोल बाग, बुराड़ी, लक्ष्मी नगर और पांडव नगर शामिल हैं। दिल्ली जल बोर्ड और नगर निगम की टीमें पानी निकासी में लगी रहीं, लेकिन हालात काबू में नहीं आए।
गुरुग्राम का सीवेज सिस्टम फेल, पानी में डूबी हाई-राइज़ कॉलोनियां
गुरुग्राम की हालत तो और भी बदतर रही। साइबर सिटी कहे जाने वाले गुरुग्राम में सीवेज सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया। डीएलएफ फेज 3, सुशांत लोक, सेक्टर 29 और 56 जैसे इलाके बुरी तरह जलमग्न हो गए। वीडियो सामने आए जिसमें लोग अपने घरों से पानी निकालते नजर आए। कई बस्तियों में तो पानी कमर तक भर गया।
गाड़ियों की लंबी कतारें, ठप ट्रैफिक और लोगों की बेबसी गुरुग्राम के प्रशासन की तैयारियों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। गुरुग्राम नगर निगम (MCG) का दावा है कि पानी निकासी की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट नजर आई।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, जनता का फूटा गुस्सा
बारिश और जलभराव के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। कुछ जगहों पर लोग नाव के जरिए एक जगह से दूसरी जगह जाते दिखे। ट्विटर (अब X) और इंस्टाग्राम पर लोग प्रशासन की नाकामी पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
एक यूज़र ने लिखा, “गुरुग्राम में करोड़ों की प्रॉपर्टी लेकर रहने वाले लोग आज नाव ढूंढ रहे हैं। क्या यही स्मार्ट सिटी है?”
दूसरे ने तंज कसा, “दिल्ली की सड़कों पर अब ऑडी नहीं, नाव चलाओ साहब!”
प्रशासन ने कहा – ‘स्थिति पर नजर रखी जा रही है’
दिल्ली और हरियाणा सरकारों की ओर से स्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। दिल्ली के PWD मंत्री ने कहा कि “जलभराव की शिकायतों को तुरंत हल किया जा रहा है। हमने कंट्रोल रूम एक्टिव कर दिए हैं।” वहीं गुरुग्राम नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि “जलभराव वाले इलाकों में मोटर पंप लगाए जा रहे हैं और जल्द ही पानी निकाल लिया जाएगा।”
हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश तो कुछ ही घंटों की थी, लेकिन जलभराव से दो दिन तक राहत नहीं मिलती। ऐसे में अधिकारियों के दावे केवल कागजों पर ही सटीक बैठते हैं।
विशेषज्ञों ने कहा – प्लानिंग की कमी और अतिक्रमण है असली वजह
शहरों में जलभराव की समस्या को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल बारिश की वजह से नहीं है। असली कारण है शहरी प्लानिंग की कमी, सीवेज सिस्टम का ओवरलोड होना और नालों पर हुए अतिक्रमण।
गुरुग्राम में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विकास हुआ है, लेकिन सीवेज और ड्रेनेज की व्यवस्था वैसी ही रह गई है। यही कारण है कि थोड़ी सी बारिश भी शहर को बर्बाद कर देती है।
आने वाले दिनों में फिर हो सकती है बारिश
मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि आने वाले 2–3 दिनों में दिल्ली-एनसीआर में फिर से भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में प्रशासन के लिए यह एक अग्निपरीक्षा होगी कि वह इस बार तैयारियों में कोई चूक न करे।
निष्कर्ष: क्या हर साल ऐसे ही जूझते रहेंगे हम?
हर साल बरसात के मौसम में दिल्ली-एनसीआर के लोग जलभराव, ट्रैफिक जाम और सीवेज के पानी से जूझते हैं। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। इस बार भी बारिश ने साबित कर दिया कि हमारे शहर अभी भी मानसून के लिए तैयार नहीं हैं।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या हमें हर साल ऐसे ही हालात का सामना करना पड़ेगा या कभी कोई ठोस योजना भी लागू होगी?